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मध्य प्रदेश के पूर्व पन्ना शाही परिवार की महारानी जितेश्वरी देवी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें जन्माष्टमी उत्सव के दौरान मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करके धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में अरेस्ट किया गया है। उन्होंने पुलिस के साथ अभद्रता। पुजारियों ने महारानी को मंदिर में प्रवेश करने से रोका क्योंकि वह एक विधवा हैं। ऐसे में उन्होंने उनका अपमान किया।
घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर देवी को मंदिर से बाहर घसीटे जाने से पहले अनुष्ठान करने का प्रयास करते हुए देखा जा सकता है। पुजारियों ने उन पर नशे की हालत में दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है। देवी ने कहा कि एक घोटाले को उजागर करने के कारण उन पर हमला किया गया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘पुलिस और मंदिर प्रशासन ने मेरा अपमान किया और मुझे घसीटकर बाहर निकाला।’
मंदिर के प्रशासक संतोष कुमार तिवारी ने कहा कि पिछले 300 वर्षों से केवल शाही परिवार के पुरुष ही जन्माष्टमी पर अनुष्ठान करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जितेश्वरी के बेटे को यह अनुष्ठान करने के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन वह नहीं आए। जितेश्वरी देवी ने मंदिर में प्रवेश किया और उपद्रव मचाना शुरू कर दिया। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया कि राजपरिवार की एक महिला ने परंपरा तोड़कर भगवान कृष्ण की आरती में खलल डाला।’
तिवारी ने कहा, ‘यहां तक कि केवल शाही परिवार के पुरुष ही आरती के दौरान सफेद रेशम के धागे से बने पंखे का उपयोग करते हैं, हमने उन्हें यह अनुष्ठान करने की अनुमति दी लेकिन उन्होंने दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। वह नशे की हालत में थीं और ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही थीं। भक्तों ने इस पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी और हमने उनसे बाहर जाने का अनुरोध किया लेकिन वह गिर गईं। जब उन्होंने लौ को छूने की कोशिश की तो हमें आरती रोकनी पड़ी।’
पन्ना के पुलिस अधीक्षक साई कृष्णा थोटा ने कहा कि देवी मंदिर में आईं और हंगामा करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘मंदिर प्रशासन ने उन्हें आधी रात की आरती के दौरान अनुष्ठान करने की अनुमति दी, लेकिन जब उन्होंने गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश की, तो भक्तों ने विरोध किया। वह उपद्रव मचाने लगीं। वह गिर गई और भीड़ की देखभाल के लिए तैनात महिला पुलिसकर्मी उन्हें ले गईं।’ देवी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए और 353 के तहत मामला दर्ज किया गया है।