भारत ने पेरिस ओलंपिक पुरुष हॉकी स्पर्धा में पूल बी के मैच में रियो ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को 1-1 से ड्रॉ पर रोका। चौथे क्वार्टर के खत्म होने तक भारत एक भी गोल नहीं करने के कारण हार के काफी करीब पहुंच चुका था लेकिन आखिरी सीटी बजने से एक मिनट पहले पेनल्टी कॉर्नर पर कप्तान हरमनप्रीत सिंह के गोल के दम पर भारत ने वापसी की और मैच ड्रॉ करवाया। भारत को इस मैच में मिले दसवें पेनल्टी कॉर्नर पर यह पहला गोल आया जो सारी कहानी खुद कहता है। पिछले मैच में भी 59वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर हरमनप्रीत के गोल की बदौलत ही भारत ने न्यूजीलैंड को 3-2 से हराया था।
टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम पूरे मैच में रंगत में नहीं दिखी। पेनल्टी कॉर्नर बेहद कमजोर रहा और मनप्रीत सिंह तथा हार्दिक सिंह जैसे अनुभवी मिडफील्डर मैच में कहीं दिखे ही नहीं। इसके अलावा अहम मौकों पर फॉरवर्ड पंक्ति ने कई गलतियां की और मौके गंवाए।
अर्जेंटीना ने 22वें मिनट में लुकास मार्तिनेज के गोल के दम पर बढत बना ली और उसके बाद भारतीय टीम बराबरी के गोल के लिये तरसती रही । भारतीयों ने सर्कल के भीतर कई बार हमले बोले लेकिन अर्जेंटीना के गोलकीपर सैंतियागो तोमास ने जबर्दस्त मुस्तैदी से भारत का हर वार नाकाम कर दिया।
ऐसा लग रहा था कि अर्जेंटीना टोक्यो ओलंपिक के पूल चरण में भारत से 1 . 3 से मिली हार का बदला चुकता कर लेगा लेकिन भारत का किस्मत ने साथ दिया और 59वें मिनट में अहम पेनल्टी कॉर्नर मिला। भारतीय टीम पेनल्टी स्ट्रेाक की मांग कर रही थी लेकिन रेफरल के बाद कार्नर दिया गया।
हरमनप्रीत ने इस पर गोल करके स्टेडियम में मौजूद भारतीय दर्शकों को निराश लौटने से बचा लिया । अब भारत को मंगलवार को आयरलैंड से खेलना है जिसके बाद बेल्जियम और आस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीमों से सामना होगा । ऐसे में कोच क्रेग फुल्टोन को कमजोर कड़ियों को कसना होगा। पहले क्वार्टर में दोनों टीमों को एक एक पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो सका।
अर्जेंटीना ने आक्रामक शुरूआत की लेकिन भारत ने दसवें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर बनाया जिस समय कप्तान और स्टार ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत बेंच पर थे। अपना पहला ओलंपिक खेल रहे संजय ने शॉट लिया लेकिन गोल नहीं कर सके। भारत को लगातार दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला जो अर्जेंटीना के रेफरल पर खारिज कर दिया गया।
भारतीय टीम 12वें मिनट में गोल करने के करीब पहुंची लेकिन अभिषेक का शॉट गोलपोस्ट से टकराकर निकल गया। इसी मिनट में अर्जेंटीना ने जवाबी हमले पर पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन शॉट कमजोर था।
दूसरे क्वार्टर में भारत को 19वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन हरमनप्रीत गोल खाता नहीं खोल सके। अर्जेंटीना के डिफेंडर हरमनप्रीत को रोकने के लिए पूरा होमवर्क करके आये थे और उसके दोनों रशर ने गोल को बायीं ओर से पूरी तरह ब्लॉक कर रखा था और दाहिनी ओर गोलकीपर ने भारत को मौका नहीं दिया।
अर्जेंटीना ने लगातार हमले जारी रखे और 22वें मिनट में लुकास मार्तिनेज ने ‘थ्रीडी’ कौशल दिखाते हुए भारत के तीन डिफेंडरों और श्रीजेश को चकमा देकर गोल कर दिया। श्रीजेश ने दाहिनी ओर डाइव लगाकर गेंद को रोकने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। भारतीय मिडफील्ड पूरे मैच में कहीं नजर ही नहीं आए। तीसरे क्वार्टर में अर्जेंटीना बढत दुगुनी करने के करीब पहुंचा जब दूसरे ही मिनट में उसे पेनल्टी कॉर्नर के बाद पेनल्टी स्ट्रोक मिल गया। सासेला एस मेइको स्ट्रोक ठीक से ले नहीं सके और श्रीजेश को गेंद बाहर करने में कोई परेशानी नहीं हुई।
अर्जेंटीना को 42वें मिनट में लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन दूसरा गोल नहीं आया। भारत को जवाबी हमले में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन हरमनप्रीत सिंह फिर नाकाम रहे। इसके बाद चौथे क्वार्टर में जब आखिरी पांच मिनट बचे थे तब कोच ने गोलकीपर श्रीजेश को मैदान से हटा लिया। भारतीय टीम ने आक्रामक होकर हमले बोले जिसके एवज में पेनल्टी कार्नर मिला और हरमनप्रीत ने बराबरी का गोल किया।