बैडमिंटन कोर्ट से दूर रहने के बाद दिग्गज बैडमिंटन प्लेयर कश्यप पारुपल्ली कमेंट्री की दुनिया में कदम रख रहे हैं। उन्हें इस बात का कोई पछतावा नहीं है कि वे कोर्ट की बजाय ओलंपिक में कमेंट्री बॉक्स में हैं। कश्यप पारुपल्ली ने ये भी भविष्यवाणी की है कि भारत पेरिस में खेले जा रहे ओलंपिक खेलों में बैडमिंटन में कितने पदक जीत सकता है और उन्होंने ये भी प्रिडिक्ट किया है कि भारतीय दल कितने पद इस बार ओलंपिक खेलों में जीत सकता है। कश्यप पारुपल्ली के मुताबिक, भारत के पदकों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा हो सकती है।
जियोसिनेमा के ओलंपिक एक्सपर्ट और बैडमिंटन प्लेयर कश्यप पारुपल्ली से जब लाइव हिन्दुस्तान के खेल पत्रकार विकाश गौड़ ने पूछा कि भारत पेरिस ओलंपिक खेलों में कितने मेडल जीत सकता है उन्होंने पहले तो बैडमिंटन को लेकर कहा है कि बैडमिंटन में भारत तीन पदक जीत सकता है। उन्होंने आगे ये भी बताया कि भारतीय दल इन खेलों में 15 पदक जीत सकता है। उन्होंने कहा, “मैं पहले ही प्रिडिक्ट कर चुका हूं कि हम तीन पदक जीतने वाले हैं। वहीं, अगर इंडियन कंटिनजेंट की बात करें तो इसमें 10 और जोड़ लीजिए या 15 पदक जीत सकते हैं। 15 पदक एक अच्छी संख्या होगी।”
वहीं, जब उनसे ये पूछा गया कि क्या आपको पछतावा है कि ओलंपिक में आप कोर्ट पर नहीं हैं और कॉमेंट्री बॉक्स में हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं इसके लिए एक्साइटेड हूं। मैं कॉमेंट्री करने के लिए उत्साहित हूं। मुझे इस बारे में फोन आया तो मैं बहुत एक्साइटेड था। मुझे हमेशा लगता था कि मैं अच्छा कर सकता हूं। मैं बैडमिंटन की जीत के बारे में ट्विटर पर काफी आलोचनात्मक रहा हूं। इसलिए यह रोमांचक होगा। मैंने अपने ऊपर अनावश्यक दबाव डाला कि मुझे अच्छा करना चाहिए और मैंने बस इस अवसर का लाभ उठाया और मैं इसका अनुभव करना चाहता हूं और देखना चाहता हूं कि मैं कैसे अच्छा कर सकता हूं, मैं यह कैसे कर सकता हूं। यह निश्चित रूप से एक अलग खेल है।”
वहीं, उन्होंने कहा कि उनको पछतावा नहीं है कि वे इस समय ओलंपिक के कोर्ट पर नहीं हैं। कश्यप पारुपल्ली ने कहा, “कोई पछतावा नहीं, यार, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। मैंने अपने करियर में कई मौकों पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। मैं कुछ खेलों में सफल रहा और कुछ में असफल रहा। और यही मेरा करियर है, लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, लेकिन मैं कमेंट्री के लिए बहुत-बहुत एक्साइटेड हूं।”