हमें तोड़ रही TMC; कांग्रेस की ममता से नजदीकियों पर अधीर रंजन ने खोया आपा, आलाकमान पर बरसे

हमें तोड़ रही TMC; कांग्रेस की ममता से नजदीकियों पर अधीर रंजन ने खोया आपा, आलाकमान पर बरसे

पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से बुरी तरह हारने के बाद कांग्रेस के कद्दावर नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी आलाकमान से उखड़े हुए हैं। वो 2024 में बहरामपुर सीट से जीत का छक्का लगाने से चूक गए। उन्हें पहली बार राजनीति में किस्मत आजमा रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर और टीएमसी उम्मीदवार युसूफ पठान ने 74 हजार वोटों के भारी अंतर से मात दी। चुनाव में मिली करारी हार के बाद अधीर रंजन ने पीसीसी पद से इस्तीफा दे दिया था। अधीर रंजन ने अब बंगाल कांग्रेस इकाई का टीएमसी के प्रति नरम रुख अपनाने पर कड़ा विरोध जताते हुए आरोप लगाया कि टीएमसी कांग्रेस पार्टी को तोड़ रही है। हमारे कार्यकर्ताओं को हर दिन पीटा जा रहा है।

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के कद्दावर नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे ने अपनी ही पार्टी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठा दिए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “हमारे अलावा और कौन हमारे पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से बोलेगा? जिन्हें पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा हर दिन पीटा जा रहा है? राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी रोजाना कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश कर रही है। आधिकारिक तौर पर इंडिया ब्लॉक का हिस्सा होने के बावजूद, उन्होंने हम पर अत्याचार करना बंद नहीं किया है।”

पार्टी कार्यकर्ताओं को भी टीएमसी नहीं पसंद

अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि सिर्फ मैं और गिने-चुने पार्टी के नेता ही नहीं जमीनी स्तर पर पार्टी के कार्यकर्ता भी टीएमसी के साथ किसी भी तरह के गठजोड़ के खिलाफ हैं। अधीर ने कहा, “आलाकमान को पश्चिम बंगाल में उन पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करनी चाहिए जो पार्टी के झंडे को बनाए रखने के लिए रोजाना संघर्ष कर रहे हैं और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी राय महत्वपूर्ण है और इसलिए उन्हें भी दिल्ली बुलाया जाना चाहिए।”

अधीर रंजन की दो टूक- अन्याय नहीं सहूंगा

आलाकमान को दो टूक शब्दों में अधीर रंजन ने संदेश दिया, “मैं अपनी पार्टी के साथियों के साथ सड़कों पर उतरूंगा और उनके आंदोलन को आगे बढ़ाऊंगा। मैं अन्याय से समझौता नहीं करूंगा। मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा।” बता दें कि अधीर रंजन तृणमूल कांग्रेस के विरोध पर हमेशा आगे रहे हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत् ममता बनर्जी पर खुलकर निशाना साधा है। अधीर रंजन के ममता से लड़ाई को लेकर कई बार पार्टी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब कांग्रेस ने नीति आयोग की बैठक को लेकर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ एकजुटता जताई। जबकि उसी दिन अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल “अराजक स्थिति” में है और राज्य में “कानून व्यवस्था बहाल करने” के लिए उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की।

अधीर रंजन को एनडीए का ऑफर मिला

दरअसल, अधीर रंजन लगातार इस पक्ष में रहे हैं कि कांग्रेस किसी भी हाल में टीएमसी से गठबंधन न करे। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी उन्होंने पार्टी हाईकमान को टीएमसी के साथ गठबंधन न करने की सलाह दी थी। हुआ यूं कि कांग्रेस ने इन दोनों चुनावों में वाम मोर्चे के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा। लेकिन दोनों में से किसी भी चुनाव में अपना खाता खोलने में विफल रही।

इस बीच केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के नेता रामदास अठावले ने अधीर को शामिल होने का निमंत्रण दिया है। अठावले ने कहा, “मैं अधीर रंजन जी से अनुरोध करता हूं कि अगर उन्हें कांग्रेस में अपमानित किया जा रहा है, तो उन्हें कांग्रेस छोड़ देनी चाहिए। मैं उन्हें एनडीए या मेरी पार्टी आरपीआई में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं।” केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “ऐसा इसलिए क्योंकि वह (अधीर रंजन चौधरी) पश्चिम बंगाल से हार गए हैं, इसलिए उन्हें नजरअंदाज और अपमानित किया जा रहा है। कांग्रेस के इस रवैये के कारण कई लोग पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं।”