मध्य प्रदेश के छतरपुर में थाने पर हमले के मुख्य आरोपी शहजाद अली की करोड़ों की हवेली पर बुलडोजर ऐक्शन को जहां कई लोग जायज ठहरा रहे हैं तो कुछ इसे गैर कानूनी बताते हुए विरोध कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद प्राचा भी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें लग रहा है कि शहजाद अली का घर तोड़कर प्रशासन ने अन्याय किया है। प्राचा ने कहा है कि जिन अफसरों ने घर तोड़ा है उन सभी को जेल हो जाएगी। प्राचा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव तक को दोषी बताते हुए कहा कि वह छतरपुर के शहजाद अली समेत उन सभी लोगों का केस लड़ने को तैयार हैं जिन्हें जेल भेजा गया है।
दिल्ली दंगे में भी मुस्लिम पक्ष का केस लड़ रहे महमूद प्राचा ने शहजाद अली का घर तोड़े जाने को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की। वह छतरपुर में उस जगह पर भी जाना चाहते हैं जहां कभी अली की हवेली थी। प्राचा ने अपने एक्स हैंडल पर अली की टूटी हवेली की तस्वीर के साथ लिखा कि वह उस जगह पर जाना चाहते हैं क्या कोई मदद कर सकता है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं सिर्फ अपनी सहानुभूति दिखाने नहीं जाना चाहता बल्कि दोषी सरकारी और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही के लिए जाना चाहता हूं। इस काम के लिए सिर्फ राबता कराने की मदद मांग रहा हूं।’
इस बीच प्राचा ने एक यूट्यूब चैनल से बातचीत में कहा कि यदि उनसे संपर्क किया जाता है तो वह केस लड़ने के लिए तैयार हैं। प्राचा ने कहा कि घर तोड़ने के लिए अधिकारियों को जेल हो सकती है। प्राचा ने कहा, ‘जो छतरपुर में बुडोजर ऐक्शन हुआ है, उसके लिए यदि कानूनी कार्रवाई की जाए, जो लोग जेल में बंद हैं उन्हें तो हम बहुत आराम से छुड़वा लेंगे, क्योंकि झूठे मुकदमे हैं, असली चैलेंज यह है कि हम उन अधिकारियों को उम्र कैद तक की सजा दिलवाए जिन्होंने गैर संवैधानिक काम किया है। उनके राजनीतिक आकाओं को जेल भिजवाना होगा, तभी बुलडोजर राज रुकेगा।’
प्राचा ने कहा कि वह छतरपुर जाना चाहते हैं, अभी तक इसलिए नहीं गए हैं क्योंकि कोई पक्ष बनकर सामने नहीं आया है। प्राचा ने कहा कि यदि कोई पक्षकार बने और उनसे संपर्क करे तो वह केस लड़ने के लिए तैयार हैं। प्राचा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने अभी तक इस घटना की निंदा नहीं की है, इसलिए वह भी दोषी हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को इस कार्रवाई के खिलाफ खड़ा होना चाहिए जो संविधान में विश्वास करता है।प्राचा ने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने के लिए शांतिपूर्वक जाना अधिकार है। प्राचा ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं है कि थाने पर पथराव किया गया और यदि हुआ भी तो घर तोड़ने की क्या जरूरत है।