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इसरो और नासा के संयुक्त निसार मिशन को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि यह इस साल लॉन्च नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि निसार मिशन को लेकर ISRO की ओर से संसद में कोई प्लान ही नहीं दिया गया है। दरअसल, पहले यह तय किया गया था कि साल 2024 के पहले छह महीने के भीतर ही इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। हालांकि, अब पूरे प्लान में बदलाव होता नजर आ रहा है।
अमेरिका के शीर्ष राजनयिक एरिक गार्सेटी ने बीते दिनों निसार मिशन को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए संयुक्त प्रयासों को बढ़ाने में जुटा है। इस मकसद से भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को जल्द ही आधुनिक प्रशिक्षण मुहैया कराएगी। गार्सेटी ने अमेरिका-भारत वाणिज्यिक अंतरिक्ष सम्मेलन ‘अमेरिका और भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप के लिए अवसरों की शुरुआत’ कार्यक्रम में ये टिप्पणियां की।
एरिक गार्सेटी ने कहा, ‘नासा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए संयुक्त प्रयास बढ़ाने के उद्देश्य से जल्द ही भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को आधुनिक प्रशिक्षण मुहैया कराएगी। उम्मीद है कि यह इस साल या उसके बाद शुरू होगी। जल्द ही हम पारिस्थितिकी तंत्र, पृथ्वी की सतह, प्राकृतिक खतरों, समुद्र के बढ़ते स्तर और क्रायोस्फेय’ समेत सभी संसाधनों पर नजर रखने के लिए इसरो के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निसार उपग्रह प्रक्षेपित करेंगे।’
बता दें कि यह एक रडार मिशन है जो क्लाइमेट चेंज के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। इससे जंगलों और वेटलैंड पर निगरानी रखने में काफी मदद मिलेगी। इस तरह निसार मिशन स्पेस एजेंसियों के काफी काम आ सकता है। यह पता लगाने में भी मदद मिलेगी कि फारेस्ट और वेटलैंड में कार्बन सर्किल पर क्या असर हो रहा है। साथ ही, क्लाइमेट चेंज पर इसका कैसा प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों को आने वाली आपदाओं के बारे में पहले से ही जानकारी मिल सकेगी।