मध्य प्रदेश के सतना में हाथी की मौत के बाद ही सूचना मिलते ही कलेक्टर मैहर एवं डीएफओ मौके पर पहुंचे विद्युत सप्लाई कराई गई बंद। दरअसल, शहडोल, उमरिया व अनूपपुर के गांवों में उत्पात मचाने पर इन्हें खदेड़ा गया था। कई किलोमीटर तक छत्तीसगढ़ की सीमा में जाने के बाद फिर लौट आए। इन्हीं में से एक हाथी सतना के रामपुर की ओर लौटा था।
शहडोल के रास्ते से मैहर के रामनगर पहुंचे जंगली हाथी, सुबह तकरीबन 4:30 बजे हाई टेंशन तार में फंसने के कारण मेल हाथी की मौत हाे गई है। सूचना मिलते ही कलेक्टर मैहर एवं डीएफओ मौके पर पहुंचे विद्युत सप्लाई कराई गई बंद।
शहडोल से बूढ़ा बाउर ग्राम पंचायत के कुआं गांव में पहुंचे थे हाथी
शहडोल जिले की जंगलों में एक हफ्ते से मूवमेंट कर रहे जंगली ही हाथियों का दल बीती रात मैहर जिले के रामनगर तहसील अंतर्गत बूढ़ा बाउर ग्राम पंचायत के गांव कुआं पहुंच गया। जहां विद्युत विभाग की हाइट टेंशन के तार में चपेट में आने से एक मेल हाथी की मौत हो गई है। अभी क्षेत्र में चार जंगली हाथियों का मूवमेंट बताया जा रहा है।
पीएम के लिए पन्ना से डॉक्टर संजय गुप्ता को मौके पर बुलाया गया
मुकुंदपुर रेंज की सभी बीट की टीमों को अन्य चार जंगली हाथियों की तलाश के लिए लगाया गया है। जबकि पीएम के लिए पन्ना से डॉक्टर संजय गुप्ता को मौके पर बुलाया गया है।
टीमों को अन्य चार जंगली हाथियों की तलाश के लिए लगाया गया …
- अन्य जंगली हाथी करंट के चपेट में ना आए इसके लिए सुबह ही मुकुंदपुर रेंज के आसपास के गांव की विद्युत सप्लाई बंद कराई गई है।
- लगातार टीम में अन्य चार की संख्या मौजूद हाथियों के दल को खोज रहा है। हाथी की मौत की सूचना पाकर मैहर कलेक्टर रानी बाटड मौके के पर पहुंची।
- उन्होंने पूरे घटनाक्रम की न केवल जानकारी ली बल्कि अन्य जंगली हाथियों की तलाश के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी जारी किया है।
बाजार से लौट रहे ग्रामीणों ने दौड़कर हाथियों से बचाई जान
वहीं डिंडौरी के गोरखपुर में छत्तीसगढ़ जाकर जिले की सीमा में वापस लौट आए हाथियों के दल ने विभाग सहित वनांचल वासियों की चिंता को और बढ़ा दिया है। एक पखवाड़े से हाथी करंजिया विकासखंड के अलग अलग गांव में घूम घूमकर उत्पात मचाते हुए ग्रामीणों के घरों में तोड़फोड़ के साथ फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
खलिहान में रखी धान की फसल को खाया और देर तक हाथी यहीं रुके रहे
हाथियों के दल ने बुधवार की रात ग्राम पंचायत चकमी के वनग्राम कपोटी में आबादी के नजदीक आकर दशरथ सिंह के खलिहान में रखी धान की फसल को खाया और देर तक हाथी यहीं रुके रहे। आखिर में भोर के समय चकमी के जंगल में चले गए। ग्रामीणों ने बताया कि दिनभर से इनके यहीं होने की सूचना मिल रही हैं।
समान फेंककर भागे तब बची जान
बुधवार के शाम की एक घटना का जिक्र क्षेत्रवासियों के लिए चर्चा का विषय बना रहा। गोपालपुर के साप्ताहिक बाजार से वस्तुओं की खरीदी बिक्री कर ग्रामीण अंधेरे में चकमी जाने वाले मार्ग से घरों को लौट रहे थे। तभी अचानक जंगल से निकलकर इनके सामने हाथियों का झुंड आ गया।
ग्रामीणों को कुचलने के लिए हाथियों ने दौड़ाया भी
सभी लोग अपना सारा सामान और दोपहिया वाहन वहीं छोड़कर भागे, तब जाकर इनकी जान बची। इसी प्रकार वनग्राम कपोटी के ग्रामीण राजू सिंह धुर्वे ने बताया कि वे लोग हाल ही में सड़क किनारे अलाव जलाकर बैठें थे। सूर्यास्त होने को था तभी हाथियों का दल हमारे घर के पास तक आ गया। हाथियों को देखते ही लोगों के बीच भगदड़ मच गई।