मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर के पास बने महाकाल लोक में सुरक्षा कर्मियों ने बुधवार को एक महिला को संदिग्ध हालात में पकड़ा। उसका अजीब पहनावा देखकर सुरक्षाकर्मियों को उस पर शक हुआ, दरअसल वह कुछ-कुछ इस्लामिक धर्म से मिलता जुलता था इसी आशंका पर सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोका और उससे पूछताछ की। इस दौरान वह किसी भी सवाल का ठीक से जवाब नहीं दे पाई। वहीं जब महिला की तलाशी ली गई तो उसके पास से 5 अलग-अलग लोगों के आधार कार्ड और कुछ इस्लामिक साहित्य भी बरामद हुआ। जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए मंदिर के सुरक्षा कर्मियों ने महिला को पुलिस के हवाले कर दिया।
महिला के पास से जो आधार कार्ड बरामद हुए उन पर मंजू परमार, रुखसार, शैफा शेख, फारुख और एक अन्य नाम लिखा हुआ था। वहीं उसके बैग की तलाशी के दौरान सुरक्षाकर्मियों को उसके पास उर्दू में छपी किताब, स्लोगन लिखे स्टीकर, हिजाब और हैंड पर्स भी मिला।
पुलिस की पूछताछ में महिला ने बताया कि उसका नाम मंजू परमार है और वह शाजापुर जिले के अकोदिया की रहने वाली है। उसने बताया कि बचपन में ही उसके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी। वह मानसिक रोगी है और घर से परिवार वालों को बताएं बिना निकल जाती है और यहां-वहां घूमती रहती है। जिसके बाद पुलिस ने महिला के परिवार से सम्पर्क कर उन्हें बुलवाया है और आगे की कार्यवाही परिवार से पूछताछ के बाद करने की बात कही है।
पुलिस ने महिला के पास मिले आधार कार्डों की जांच शुरू की तो पाया कि उनमें से दो उसके परिवार के सदस्यों के हैं वहीं अन्य उसे घूमने के दौरान सड़क पर पड़े मिले थे, जो उसने उठाकर अपने बैग में रख लिए, साथ ही धार्मिक पुस्तक भी उसे सड़क पर पड़ी मिली थी, जो उसने उठाकर बैग में रख ली थी।
इस बारे में एडिशनल एसपी नितेश भार्गव ने बताया कि महिला मानसिक रोगी है और बिना बताए घर से निकल जाती है। महिला के पास मिले दस्तावेजों को देखने पर पता चला कि महिला इसके पहले अजमेर और उसके आसपास घूमती थी। इस दौरान उसने यह आधार कार्ड और किताब उठाकर अपने बैग में रख ली थी। महिला के परिवार से चर्चा हो गई है और वह उसे लेने उज्जैन आएंगे।