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केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय बजट में ‘विकसित भारत-2047’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मजबूत आधारशिला रखी गई है लेकिन विपक्ष लोगों को गुमराह करने के लिए ‘झूठी कहानी’ गढ़ने की कोशिश कर रहा है। मेघवाल ने दावा किया कि हाल के लोकसभा चुनावों के दौरान विपक्षी दलों का ‘संविधान खतरे में’ का प्रचार धराशायी हो गया और इस बार भी यही होगा।
विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर गैर-राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) दलों द्वारा शासित राज्यों के साथ ‘सौतेला व्यवहार’ करने का आरोप लगाया और दावा किया कि बिहार व आंध्र प्रदेश को दिए गए वित्तीय पैकेज से पता चलता है कि यह ‘मजबूरी’ का बजट है। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “केंद्रीय बजट में ‘विकसित भारत-2047’ के लिए एक मजबूत नींव रखी गई है।”
मेघवाल ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ”चूंकि बिहार और आंध्र प्रदेश के नाम (बजट में) का उल्लेख किया गया है इसलिए वे झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। मैं राजस्थान से आता हूं और उसका नाम बजट में नहीं था। क्या इसका मतलब यह है कि राज्य को पैसा नहीं मिलेगा? जब सड़कों का विस्तार किया जाएगा, तो क्या यह राजस्थान में नहीं होगा?” उन्होंने कहा कि विपक्षी दल लोगों को गुमराह करने के लिए जानबूझकर ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं। मेघवाल के साथ भाजपा की में जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख रविंदर रैना और सांसद जुगल किशोर भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ”लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने (विपक्ष) ‘संविधान खतरे में है’ यह दावा करने की कोशिश की लेकिन लोगों के बीच यह दुष्प्रचार विफल हो गया। बजट के बारे में उनकी झूठी कहानी भी सफल नहीं होगी।”