अहमदाबाद की रहने वाली 24 साल की युवती को एक दूसरे धर्म के शादीशुदा और तीन बच्चों के बाप से प्यार हो गया। यहां तक कि उसने भागकर उससे शादी भी कर ली और उसके पास मुंबई आ गई। लेकिन जब कपल को युवती के परिजनों के विरोध के चलते गुजरात पुलिस की कार्रवाई का डर सताने लगा, तो उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका लगाते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई। जिसके बाद अब इस मामले में कोर्ट ने मुंबई पुलिस को कपल को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं।
दंपति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस रेवती मोहिते-डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने फैसला देते हुए कहा, ‘हम निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ताओं को 8 अगस्त, 2024 तक 24×7 दो सशस्त्र गार्ड दिए जाएं, जो जहां भी वे जाएंगे, तो उनके साथ रहेंगे।’ बेंच ने अहमदाबाद के नारोल पुलिस स्टेशन को भी यह निर्देश दिया कि याचिकाकर्ताओं की बात सुने जाने तक उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार कपल में से पुरुष मुंबई का रहने वाला है जबकि युवती अहमदाबाद की रहने वाली है। उस शादीशुदा शख्स के प्यार में पागल युवती अपना घरबार छोड़कर मुंबई आ गई, जहां उसने मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार पुरुष से निकाह भी कर लिया। युवती छह साल पहले उस व्यक्ति के सम्पर्क में आई थी, क्योंकि वह उसके मामा के साथ एक फर्म में पार्टनर था।
युवती के घर छोड़ने के बाद उसके परिवार ने पहले गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हालांकि बाद में सच्चाई का पता चलने पर उसके भाई ने युवती पर चोरी करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ चोरी का मामला दर्ज करा दिया। जिसमें कहा गया कि वह 4.5 लाख रुपए के सोने के गहने और 50 हजार रुपए कैश लेकर भाग गई है।
अदालत में शादीशुदा जोड़े का पक्ष रखते हुए एडवोकेट एमएल कोचरेकर और मोहम्मद अहमद शेख ने दलील दी कि क्योंकि दम्पति ने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया धा, इसलिए चोरी का मामला बाद में दर्ज किया गया।
सुनवाई के दौरान गुजरात पुलिस के साथ ही युवती के माता-पिता और भाई भी कोर्ट में मौजूद थे। यहां युवती ने जजों को बताया कि 15 जुलाई 2024 को घर से भागते वक्त उसने कुछ भी नहीं चुराया था। उसने बताया कि अगर उसके माता-पिता चाहें तो वह उनकी दी हुई सोने की चेन और झुमके भी उन्हें लौटाने को तैयार है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि युवती ने कुछ दिनों के लिए भी अपने माता-पिता के घर जाने से इनकार कर दिया, यहां तक कि उसने अपने माता-पिता से मिलने से भी इनकार कर दिया।
युवती ने कोर्ट को बताया कि वह जानती थी कि वह व्यक्ति शादीशुदा है और उसके तीन बच्चे भी हैं। इसके बावजूद उसने उससे शादी करने का फैसला किया। उसने यह भी कहा कि उस व्यक्ति से यह शादी उसने अपनी मर्जी से की है।
सुनवाई के दौरान जजों ने सभी संबंधित पक्षों से व्यक्तिगत रूप से और सामूहिक रूप से बात की। बेंच ने पाया कि याचिकाकर्ताओं को लेकर युवती के माता-पिता के मन में काफी गुस्सा भरा है, इसलिए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए अदालत ने पुलिस को तुरन्त पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
अहमदाबाद के नारोल पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने अदालत को बताया कि वह केवल दंपति के बयान दर्ज करने के लिए ही मुंबई आए थे और उन्हें वापस गुजरात ले जाने का उनका कोई इरादा नहीं है। जिसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी ऐसा कर सकते हैं।