अगस्त और सितंबर महीने में भारत तरंग शक्ति -2024 का आयोजन करने जा रहा है। इस आयोजन में दुनियाभर के 30 देश अपने सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट्स की कलाबाजी दिखाएंगे। दुनिया के इस सबसे भव्य आयोजन में भारत भी अपनी सैन्य दमखम का प्रदर्शन करने वाला है। वायुसेना के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 51 देशों को आमंत्रण भेजा गया, जिसमें से 30 हिस्सा ले रहे हैं। इस महा हवाई अभ्यास में वायुसेना के एलसीए तेजस, मिराज 2000 से लेकर राफेल लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं।
आईएएफ अधिकारियों के मुताबिक, हिस्सा लेने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, ग्रीस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और बांग्लादेश शामिल हैं। इसमें 10 देशों की वायु सेना और 20 देश पर्यवेक्षक के रूप में हिस्सा ले रहे हैं। वहीं, भारत के दो प्रमुख रक्षा साझेदार रूस और इज़रायल भाग नहीं ले रहे हैं। इसकी वजह युद्ध में व्यस्त होना बताया गया है। वायुसेना के उपप्रमुख (वायस चीफ ऑफ एयर स्टाफ) एयर मार्शल ए पी सिंह ने कहा कि यह अभ्यास भारत के सैन्य दमखम को प्रदर्शित करेगा और रक्षा क्षेत्र में उसे ‘आत्मनिर्भरता’ की ओर ले जाएगा।
आयोजन कब और कहां होगा, पूरी डिटेल
देश में ‘तरंग शक्ति’ नामक दुनिया का सबसे बड़ा बहुपक्षीय हवाई अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी बताया कि अभ्यास का पहला चरण 6 से 14 अगस्त तक तमिलनाडु के सुलूर हवाई अड्डे पर और 29 अगस्त से 14 सितंबर तक जोधपुर में आयोजित किया जाना है। सुलूर और जोधपुर बेस पर तैनात IAF अग्निवीर भी अभ्यास में शामिल होंगे। प्रत्येक चरण में लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, विशेष अभियानों सहित 70-80 विमानों की भागीदारी होगी। पहले चरण में यूके, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन भाग लेंगे, जबकि शेष विदेशी वायु सेनाएं दूसरे और अंतिम चरण में भाग लेंगी।
भारतीय सैन्य ताकत का दिखेगा दमखम
वायु सेना के अधिकारी ने बताया कि फ्रांस के राफेल, जर्मनी के टाइफून, ऑस्ट्रेलिया के एफ-18 विमान आदि अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि आयोजन का लक्ष्य तेजी से बढ़ते स्वदेशी रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदर्शित करना और आत्मनिर्भरता अभियान को दुनिया के सामने दिखाना है। अभ्यास के दौरान भारतीय खेमे की तरफ से राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, मिराज 2000, जगुआर और मिग-29 शामिल हैं। इसमें मिग-21 भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान है, जिसे 2025 तक सेवा से बाहर कर दिया जाएगा। इसकी जगह नया तेजस हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए एमके-1ए) ले लिया जाएगा।