गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लेकर व्यापारियों की उलझन जारी है। इस बीच, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित कार्यशाला में जानकारों ने 1 नवंबर से लागू नई जीएसटी एमनेस्टी योजना के बारे में बताया। उनका कहना है कि जीएसटी आने के बाद सालों तक कर सलाहकारों और व्यापारियों ने गलतियां की, जिन्हें सुधारने का यह मौका है।
जीएसटी की धारा 128ए के अंतर्गत सरकार द्वारा जारी की गई एमनेस्टी योजना जीएसटी के ब्याज व अर्थदंड में छूट के लिए 30 जून 2025 के पहले आवेदन करना होगा। यह जानकारी अधिवक्ता एवं कर सलाहकार पलाश खुरपिया ने जीएसटी कार्यालय भोपाल में आयोजित कर सलाहकारों की एक कार्यशाला में दी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी आने के शुरुआती वर्षों में कर सलाहकारों एवं व्यापारियों द्वारा गलतियां की गई थीं, जिससे विभाग द्वारा उनके ऊपर कार्रवाई करते हुए ब्याज एवं शास्ति लगाई गई थी। यह योजना इसमें छूट के लिए प्रारंभ की गई है।
New GST Amnesty Scheme: यह रहेगी पूरी प्रक्रिया
- कर सलाहकार खुरपिया ने बताया कि इस योजना में वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 के धारा 73 में पारित आदेशों में लगाई गई शास्ति और ब्याज से छूट प्रदान की गई है। इसके लिए 31 मार्च 2025 तक कर की राशि जमा करना है।
- इसके बाद ब्याज एवं शास्ति से छूट के लिए निर्धारित प्रारूप में आवेदन 30 जून तक आवेदन करना है। इस योजना में आवेदन करने के पहले अगर कोई अपील की गई है तो वह वापस लेना पड़ेगी।
- अगर कर की मांग की राशि पूर्व में जमा की जा चुकी है, तो उसके लिए फार्म डीआरसी 03 ए भरना पड़ेगा, ताकि बकाया कर की राशि समायोजित हो सके। उन्होंने बताया कि इस योजना के फार्म जनवरी 25 में उपलब्ध होंगे।
तीन माह में जारी नहीं होता नोटिस
जानकारों ने बताया कि अच्छा यही रहेगा फार्म आते ही आवेदन कर दें, क्योंकि अधिकारी को तीन माह इनकी जांच करना है। इन तीन माह में कोई नोटिस जारी नहीं होता है तो आवेदन स्वीकार्य मान लिए जाएंगे। इस अवसर पर टैक्स ला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मृदुल आर्य, उपाध्यक्ष अंकुर अग्रवाल, बच्चन आचार्य और सचिव मनोज पारेख उपस्थित थे।