कृष्णा वर्मा के जीवन में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना का योगदान, चेहरे पर भी मुस्कान लौट आई

कृष्णा वर्मा के जीवन में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना का योगदान, चेहरे पर भी मुस्कान लौट आई


बेमेतरा

बेमेतरा शहर के कृष्णा वर्मा, उम्र 12 वर्ष, एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उन्हें क्रोनिक किडनी डिजीज (ब्ज्ञक्) स्टेज-5 से ग्रसित पाया गया, जिसके चलते उन्हें तत्काल किडनी के इलाज की आवश्यकता थी। उनके पिता दिनेश वर्मा, जो एक मिस्त्री का कार्य करके अपने परिवार का जीवन-यापन करते हैं, आर्थिक रूप से इतने सक्षम नहीं थे कि बेटे का महंगा इलाज करा सकें। परिवार में कुल 5 सदस्य हैं, जिनमें उनकी दो बेटियां भी हैं।

कृष्णा की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। परिवार के लिए यह एक बेहद कठिन समय था। इलाज के लिए बड़ी धनराशि की आवश्यकता थी, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ने उन्हें असहाय बना दिया। तभी उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के बारे में जानकारी मिली।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बेमेतरा के मार्गदर्शन में इस योजना के अंतर्गत कृष्णा वर्मा के इलाज के लिए 6 लाख 53 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई। यह राशि उनके इलाज के लिए संजीवनी साबित हुई। जून 2024 में कृष्णा का किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक पूरा हुआ, और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।

कृष्णा के पिता दिनेश वर्मा ने इस योजना का लाभ मिलने पर गहरी राहत महसूस की। उनका कहना था कि यदि यह आर्थिक सहायता न मिली होती, तो उनका बेटे का इलाज कराना उनके लिए असंभव था। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और इस योजना के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उनका मानना है कि इस योजना ने न केवल उनके बेटे को नया जीवन दिया, बल्कि उनके परिवार को आर्थिक संकट से भी बचा लिया।

मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना ने कृष्णा वर्मा जैसे कई जरूरतमंद परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उनकी जिंदगी बदल दी है। इस योजना के माध्यम से जरूरतमंद मरीजों को जीवन रक्षक इलाज मुहैया कराना सरकार की एक अत्यंत सराहनीय पहल है। दिनेश वर्मा जैसे गरीब और मेहनतकश व्यक्ति के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है।

कृष्णा वर्मा की यह सफलता कहानी यह साबित करती है कि सही समय पर मिली सरकारी सहायता और सामूहिक प्रयास किसी की भी जिंदगी बदल सकते हैं। अब कृष्णा न केवल स्वस्थ जीवन जी रहे हैं, बल्कि उनके परिवार के चेहरे पर भी मुस्कान लौट आई है। यह कहानी सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और समाज के कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने की एक प्रेरणादायक मिसाल है।