हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के दिग्गज ओबेरॉय ग्रुप ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) मार्केट से अपना कारोबार समेट लिया है। ग्रुप ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब पारिवारिक विरासत को लेकर विवाद चल रहा है। यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में भी चल रहा है। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में ओबेरॉय ग्रुप की प्रमुख कंपनी ईआईएच लिमिटेड और इसकी मूल कंपनियों को कोई भी शेयर हस्तांतरण करने से रोक दिया है।
UAE मार्केट से बाहर निकल रहा ग्रुप
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक UAE के अल जोराह में स्थित ओबरॉय बीच रिजॉर्ट का मैनेजमेंट अब ओबरॉय ग्रुप नहीं करेगा। इस संबंध में कर्मचारियों को सूचित कर दिया गया है। इसी के साथ ओबेरॉय ग्रुप UAE के बाजार से बाहर हो गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रबंध निदेशक और सीईओ विक्रम ओबेरॉय ने एचआर अधिकारी शैलजा सिंह के साथ अल जोराह का दौरा भी किया है। इस बीच, अल जोराह डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि कंपनी उन्हें बरकरार रखेगी।
बता दें कि ओबरॉय ईआईएच होल्डिंग्स लिमिटेड, ईआईएच लिमिटेड की सहायक कंपनी और अल जोराह डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड का यह ज्वाइंट वेंचर था। यह संपत्ति दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 25 मिनट की दूरी पर स्थित है।
क्या है विरासत का विवाद
ओबरॉय ग्रुप के मुखिया रहे दिवंगत पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय की वसीयत में विरासत को लेकर विवाद छिड़ा है। दिवंगत उद्यमी की पुत्री एनेस्तेसिया ओबेरॉय और उनकी मां मिर्जाना जोजिक ओबेरॉय की तरफ से एनेस्तेसिया के भाई विक्रमजीत सिंह ओबेरॉय, बहन नताशा देवी ओबेरॉय, चचेरे भाई अर्जुन सिंह ओबेरॉय और अन्य के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है। मां-बेटी ने दावा किया है कि पीआरएस ओबेरॉय की 25 अक्टूबर, 2021 को तैयार वसीयत के निष्पादन में विक्रमजीत और अर्जुन बाधा डाल रहे हैं।
इस वसीयत में पीआरएस ओबेरॉय के शेयरों को दो बेटियों – नताशा और एनेस्तेसिया के बीच बांटा जाना था। इस मामले में विक्रमजीत और अर्जुन की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि मौजूदा वसीयत को गंभीर चुनौती दी गई है, जबकि 1992 की एक और वसीयत के अस्तित्व का हवाला दिया गया है। ओबेरॉय समूह के मानद चेयरमैन पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय का 94 वर्ष की उम्र में 14 नवंबर, 2023 को निधन हो गया था।