इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में होगा मध्यप्रदेश के विभिन्न शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय

इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में होगा मध्यप्रदेश के विभिन्न शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय


भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर आगामी दिसम्बर माह में कोलकाता में लगने जा रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में प्रदेश के विभिन्न शिल्पों का प्रदर्शन और विक्रय  किया जाएगा। कुटीर उद्योगों से जुड़े लघु व्यवसायियों और शिल्पकारों को उनके उत्पाद के ऑनलाइन विक्रय की सुविधाएं उपलब्ध करवाने की पहल की गई है। कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग ने अपने पोर्टल के विकास के साथ ही अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे और ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग प्रारंभ किया है। इसके अच्छे परिणाम प्राप्त हो रहे है।

प्रदेश में बीती छमाही में मृगनयनी एम्पोरियम के साथ ही मेलों के आयोजन से भी 11.82 करोड रूपये की बिक्री हुई है। लघु व्यवसायियों को मध्यप्रदेश के साथ ही देश विदेश में ऐसे उत्पादन बेचने और भविष्य में उनके निर्यात की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। दिल्ली हाट की तर्ज पर भोपाल हाट में व्यवस्थाएँ विकसित होंगी। भोपाल हाट और प्रदेश के अन्य स्थानों पर महिला व्यवसायियों के लिए साप्ताहिक महिला हाट में विभिन्न उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान उज्जैन में वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट, जी आई उत्पाद, हस्तशिल्प उत्पाद और अन्य स्थानीय उत्पादों के प्रचार और बिक्री के लिए वन स्टॉप मार्केट प्लेस के रूप में यूनिटी मॉल स्थापित करने की प्रगति की जानकारी प्राप्त की।

पुनर्जीवित करें सागर का अगरबत्ती उद्योग

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग बांस उत्पादकों को भी प्रोत्साहन दें और अगरबत्ती निर्माण जैसे कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करें। प्रदेश के सागर सहित कुछ जिले अगरबत्ती निर्माण के प्रमुख केन्द्र रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बांस की उपलब्धता सुनिश्चित कर कुटीर उद्योग को पुनर्जीवित किया जाए। ऐसे जिले जहाँ बांस उत्पादन कम है, नदियों के किनारे बांस के सघन रोपण के निर्देश दिए गए हैं। इस रोपण से जल से होने वाले कटाव को रोकने में सहायता मिलेगी। साथ ही बांस उत्पादन की दृष्टि से भी भरपूर लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लघु व्यवसायियों को अपने व्यवसाय के उन्नयन के लिए ऋण और अनुदान योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ दिलवाने के लिए बैंकों के स्तर पर प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के प्रयास करने के निर्देश भी दिए हैं।