भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की आलोचना की है। उन्होंने वायनाड के सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भूस्खलन और बाढ़ से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने में विफल रहने के लिए नेता प्रतिपक्ष की आलोचना की है। आपको बता दें भूस्खलन की वजह से अब तक 180 से अधिक लोगों की जान चली गई है।
वायनाड भूस्खलन पर तेजस्वी सूर्या ने कहा, “राहुल गांधी के वायनाड से सांसद बनने के बाद से पिछले 1800 दिनों में उन्होंने संसद में एक बार भी भूस्खलन और बाढ़ का मुद्दा नहीं उठाया है। 2020 में केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वायनाड में भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों से 4000 परिवारों को स्थानांतरित करने की सलाह दी थी। आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और वायनाड का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद ने आज तक इस मुद्दे को उठाया भी नहीं।”
तेजस्वी सूर्या ने कहा, “केरल के वन मंत्री ने विधानसभा में स्वीकार किया कि वे अवैध अतिक्रमण हटाने में असमर्थ हैं क्योंकि उन पर विभिन्न धार्मिक संगठनों का दबाव है।”
सदन में नियम 197 के तहत प्राकृतिक आपदा पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए सूर्या ने कहा, पिछले पांच वर्षों में केरल में कई प्राकृतिक आपदाएं खासकर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं जिनमें कई निर्दोष लोगों की जान गई। उन्होंने सवाल किया कि केंद्र और राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
सूर्या ने कहा कि वायनाड से पांच साल तक सांसद रहे नेता ने वहां की प्राकृतिक आपदा को लेकर कभी आवाज नहीं उठाई। इसके बाद विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 3:50 बजे से शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि तेजस्वी सूर्या को इस दुखद घटना पर राजनीति करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। वायनाड में प्राकृतिक आपदाओं को लेकर कितनी बार आवाज उठाई है, इसका रिकॉर्ड देखा जा सकता है। बिरला ने कहा कि सूर्या के भाषण में जो बात सदन और घटना की मर्यादा के अनुरूप नहीं होगी, उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा।